जैविक पैटर्न के बायोमैकेनिक्स
हम भौतिक विज्ञान द्वारा संचालित स्व पैटर्न गठन (self-organized pattern formation) में रुचि रखते हैं (ढांचे के अाधार पे बने पैटर्न के विपरीत)। इस ध्येय में हम प्रोटीन और फ्लोरोसेंस माइक्रोस्कोपी से इनके पुनर्गठन में भौतिक इंटरैक्शन के कंप्यूटर सिमुलेशन के संयोजन का उपयोग करके, सेल आकार निर्धारण में महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं की जांच करते हैं जैसे की cell division, polarization and migration.
साइटोस्केलेटन-मोटर यांत्रिकी |
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डीआईसी (DIC) माइक्रोस्कोपी (40x) में मेथलीसेल्यूलोज के साथ बकरी मस्तिष्क ट्यूबलिन से जीटीपी-ट्यूबुलिन पॉलिमर।
(प्रयोगकर्ता: कुनालिका जैन) पिछले कुछ वर्षों में हमारा काम सेंट्रोसोम न्यूक्लियटेड मायक्रोत्युब्युल एस्टर पर केंद्रित था। इसका in vitro (टेस्ट ट्युब में) पुनर्गठन ( अथेल एट अल। 2014 फिजिकल बायोलोजी Physical Biology 11: 016008) में क्रोमैटिन (DNA) की तरफ ध्यान केंद्रित किया गया था। इस तरह के बल (Force) की पेशियों मे भूमिका की जांच करने के लिए हमने पहले से प्रकाशित डेटा का विश्लेषण किया। हमने सिद्ध किया है की चुहे के अंडो (oocyte) मे मेयोसिस I के दौरान स्पिनडल (spindle assembly) स्वयं के संगठन (self organization) और ग्रेओडियनट्स (gradients) से होती है ( खेतान और अथेल, 2016 पीएलओएस कॉम्प बायोल )। स्टेथमिन (उज्ज्वल नीला रंग) के साथ एक नस की पेशी के विकास के दौरान मायक्रोट्युब्यूम (सियान रंग)। (प्रयोगकर्ता: सौरभ महाजन)
सिग्नलिंग प्रोटीन के प्रतिक्रिया-प्रसार पैटर्न: एमटी सिस्टम ( महाजन और अथेल 2012 ) की संवेदन की सीमाओं की जांच करने के लिए अक्षीय विकास शंकु मोड़ में रैखिक एमटीएस का परिवहन सैद्धांतिक मॉडल में खोजा गया था। बलों और जैव रसायन शास्त्र के बीच यह अंतःक्रिया हमें कई प्रणालियों में रूचि रखती है। |
क्लस्टरिंग का मॉडलिंग: रिसेप्टर्स पे साइटोस्केलेटन का प्रभाव |
एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टप्र (ईजीएफआर) गतिशीलता द्वारा उदाहरण के रूप में, रिसेप्टर सिग्नलिंग के लिए कई अध्ययनों में आयाम द्वारा रिसेप्टर एकत्रीकरण गतिशीलता को दिखाया गया है। रिसेप्टर की स्थिति 2005 में हमारे द्वारा सैद्धांतिक मॉडल में संक्षेप में कैंसर कोशिकाओं में संकेत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है ( अथेल, मंसुरी और डीसबोइक जे थियोर। बायोल। )। इस तरह के रिसेप्टर गतिशीलता के सूक्ष्म विवरणों को हाल ही में एनसीएल पुणे ( पवार एट अल। 2014 , सेनगुप्ता एट अल 2016 ) में बायोफिजिकल कैमिस्ट्री लैब के सहयोग से मोटे अनाज वाले सिमुलेशन का उपयोग करके मॉडलिंग किया गया है। हमने हाल ही में एक विषम वातावरण में एक प्रसार और एकत्रीकरण मॉडल के आधार पर रिसेप्टर dimerization kinetics के लिए स्थानिक बाधाओं के प्रभाव अनुकरण करने के लिए MATLAB में एक मोंटे कार्लो सिमुलेशन विकसित किया है। |
बैक्टीरिया के अाकार पर उनकी लोकसंख्या का असर |
मदर मशीन (mother machine) (प्रयोगकर्ता: मानसी गंगन)
बकटीरिया के पेशीयों का अाकार उनकी संख्या पे भी निरभर हो सकता है, यह हमने प्रयोग तथा छवी के कंप्यूतर द्वारा विशलेशन (computational image analysis) से साध्य कीया है ( अथेल और चौधरी 2011 बायोइनफॉरमैटिक्स /Bioinformatics)। पेशियों के अाकार मे बदलाव उनी विविधता में दिखता है। सांख्यिकीय परिवर्तनशीलता यह बढ़ते विकास दर पर निरभर है, व इसका कुछ जीनस से ताल्लुक है: RecA, SulA व FtsZ ( गंगान और अथेल 2017, रॉयल सॉकर ओपन साइंस )। इश प्रशन को समझने के लिये हमने एक यंञणा तैयार की है जिसे मदर मशीन (mother machine) के नाम से जाना जाता है। यह एक Lab on Chip यंञणा है। वर्तमान में हम ई कोलाई (E. coli) का उपयोग मॉडल सिस्टम के रूप में करते हुए बैक्टीरिया के फैलाव में सामूहिक पैटर्न की खोज कर रहे हैं। हप-अ (HupA) (लाल) confocal माइक्रोस्कोपी में डीआईसी (DIC) (हरा) overlay (प्रयोगकर्ता: श्रद्धा शितूत)
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पेशियों मे काइनेटिक्स और मोर्फोलॉजी की मात्रा: छवि विश्लेषण सॉफ्टवेयर का विकास |
कोशिकाअों की जैविक समय-श्रृंखला में समय-श्रृंखला का किमोग्राफी (Kymography) विश्लेषण आम तौर पर मैन्युअल रूप से किया जाता है (उदाहरण: छविजे , ईएमबीएल के लिए बहु-किमोग्राफी प्लगइन )। इस से संभावित रूप से गलतियाँ होने की उम्मीद है । हमने मात्रात्मक किमोग्राफ विश्लेषण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक GUI फ्रंट एंड के साथ एक स्वचालित बहु-ट्रैक किमोग्राफी (एएमटीआरके) सॉफ्टवेयर विकसित किया है ( चफाल्कर एआर, जैन के, गंगान एमएस , अथले सीए (2016) प्लस वन PLoS ONE)।(प्रयोगकर्ता: अनूश्री चाफऴकर)
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प्रयोगशाला की विचारधारा
प्रयोगशाला में कार्य आकार (पैटर्न-गठन / morphogenesis) के समझ की दृष्टि से निर्देशित है। हम सबसे छोटे जिवित अंश (कोशिकाओं) पर हमारा ध्यान अाकर्शित करते हैं। इसका कारण ट्रैक्टिबिलिटी, यानी की आसानी, व उन शोधों की वैश्विक प्रासंगिकता है। भौतिकी के साथ-साथ सोशल सिस्टम में अध्ययन किए गए स्वयं संगठनात्मक सिस्टम प्रतिक्रियाएं (feedbacks) और उच्च स्तर की कनेक्टिविटी (high degree of connectivity) दिखाते हैं – जो जैविक प्रणालियों में स्वीकारता पाने लग गयी हैं।
हम जो भी करते हैं, वह भौतिकी और जीवविज्ञान के इंटरफ़ेस पर है अाौर उसे सेल के भौतिक जीवविज्ञान (physical biology of the cell) कहा जा सकता है।
हमने 2015 और 2017 में अंतरराष्ट्रीय आनुवंशिक रूप से इंजीनियर मशीनों (आईजीईएम) (iGEM) प्रतियोगिता के लिए आईआईएसईआर पुणे टीम का अायोजन किया था। आप यहां iGEM @ iiserpune के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।